क्या है बबूल
बबूल भारत में पाया जाने वाला एक कांटेदार वृक्ष होता है। बबूल के पेड़ घने एवं बड़े होते है और इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है। बबूल के पत्ते आंवले के पत्ते की अपेक्षा बहुत छोटे एवं घने होते हैं बबूल की फलियां 7 से 8 इंच लंबी होती हैं और इनका आकार चपटा होता है। भारत में बबूल की हरी पतली टहनियों को गांवों में दन्त मंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
बबूल के फायदे — बबूल अपने अद्भुत लाभों के अलावा पोषक तत्व, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्त्रोत है। 100 ग्राम बबूल में 4.28 मि.ग्रा. आयरन, 0.902 मि.ग्रा. मैंगनीज़, 13.92 ग्राम प्रोटीन, 6.63 ग्राम वसा और 0.256 मि.ग्रा. जस्ता होता है।
बबूल को कैसे लें — इसे काढ़े के रूप में 50 ग्राम से 100 ग्राम तक, गोंद के रूप में 5 से 10 ग्राम तक तथा चूर्ण के रूप से 3 से 6 ग्राम तक लेना चाहिए।
बबूल का गोंद भी है हितकारी — बबूल का गोंद पित्त और वात का नाश करने वाला होता है, यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला, रक्तशोधक है। बबूल की पत्तियां, गोंद और छाल सभी चीज़ें बड़ी ही काम की हैं।
बबूल (कीकर) के अद्भुत फायदे
घुटने के दर्द में लाभ — बबूल की फली को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें एवं सुबह 1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी से खाने के एक घंटे के बाद खायें। 2—3 महीने लगातार सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल सही हो सकता है।
आंखो के रोग में लाभ — बबूल के पत्ते पीसकर आंखों पर रखने से कुछ समय बाद आराम आ जाता है।
दांतों की समस्या — बबूल की फली के छिल्के की राख बना लें और उसमें नमक मिलाकर मंजर करें सभी प्रकार के दांत के दर्द दूर हो जाएंगे। दांतों में कीड़े लग गए हों तो बबूल छाल के काढ़े से दिन में 4 बार कुल्ला करें।
सूखी खांसी में लाभ — बबूल का गोंद व शक्कर समान मात्रा में लेकर पीस लें। छोटे बेर के समान गोली बनाकर एक गोली चूसने से खांसी में जल्दी लाभ होता है। बबूल के गोंद के छोटे से टुकड़े को मुंह में लेकर चूसने से खांसी की समस्या से राहत मिलती है।
मुंह के छालों के लिए — बबूल की छाल को सुखाकर चूर्ण बना लें और छालों वाली जगह पर लगाएं जल्दी ही छाले ठीक हो जाएंगे।
नोट — बहुत कम मामलों में, बबूल की गोंद से एलर्जी हो सकती है। इस एलर्जी से आपको श्वसन और त्वचा की समस्या हो सकती है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लीवर और गुर्दे को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
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