कुत्तों में 6 ऐसे छूत के रोग देखने को मिलते हैं, जिनका अगर समय से इलाज ना हो तो जानवर की मौत हो सकती है। आइये जानें इन बीमारियों की प्राथमिक जानकारी के बारे में:-
1. हलकाव (रेबीज़): यह एक लाइलाज विषाणु रोग है। इस रोग के विषाणु बीमार कुत्ते के थूक में होते हैं। यदि बीमार कुत्ता तंदरूस्त कुत्ते को काट जाये तो यह बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के लक्षण रेबीज़ कुत्ते के काटने से 3 सप्ताह से 3 महीने तक आ जाते हैं।
इस बीमारी के दो मुख्य लक्षण: प्रत्यक्ष रूप में कुत्ता मनुष्यों या जानवरों को काटता है, मुंह में से थूक निकालता है।
2. पार्वो की बीमारी: यह एक विषाणु रोग है जो कि पेट और आंतड़ियों में सोजिश करता है।
इस बीमारी के मुख्य लक्षण: रेबीज़, बुखार, उल्टियां और खूनी दस्त हैं।
3. जिगर की सोजिश: यह विषाणु रोग है। इस बीमारी का पहला लक्षण 2 -3 दिन तक बुखार का रहना।
इस बीमारी के मुख्य लक्षण: कुछ दिनों के बाद उल्टियां, खूनी दस्त, पीलिया, पेट दर्द।
4. लैप्टोसापाइरोसिस: इस बीमारी का कारण लैप्टोसपायरा नामक कीटाणु है। यह कीटाणु कुत्ते के शरीर में दाखिल होने के बाद खून के द्वारा सारे शरीर में फैल जाते हैं।
इस बीमारी के मुख्य लक्षण: तेज बुखार, नाक में से खून का बहना, खूनी दस्त।
5. पैराइन्फ्लूएंजा विषाणु रोग: इस रोग को कैनल कफ के नाम से जाना जाता है।
इस बीमारी के मुख्य लक्षण: खांसी इसकी मुख्य निशानी है।
6. डिसटैंपर की बीमारी: यह एक विषाणु रोग है।
इस बीमारी के मुख्य लक्षण: तेज बुखार, आंखों में पानी, उल्टियां, और मिर्गी के दौरे, पेट की चमड़ी पर छाले भी हो सकते हैं।
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