organic farming

बीज अमृत तैयार करने की विधि और प्रयोग करने का तरीका

प्राकृतिक खेती में बीज अमृत को बीजों को रोगमुक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। बीज अमृत से उपचार किये हुए 100 में से 90 बीज अंकुरित हो जाते हैं, जबकि रासायनिक दवाइयों से उपचारित बीजों में यह संख्या कम होती है। गेहूं के 40 और धान के 20 किलो बीजों के लिए, नीचे लिखे तरीकों के अनुसार बीज अमृत बनाएं।

जरूरी सामग्री:
1. देसी गाय या भैंस का गोबर : 1 किलो
2. देसी गाय या भैंस का पेशाब : 1 लीटर
3. कच्चा दूध : 100 मिलीलीटर
4. सादा पानी : 2.5 लीटर
5. चूना : 50 ग्राम

विधि:
देसी गाय या भैंस के गोबर, पेशाब, कच्चे दूध और 2 लीटर पानी को एक बर्तन में घोल लें। अब दूसरे बर्तन में बचा हुआ आधा लीटर पानी और 50 ग्राम चूना घोल लें। दोनों मिश्रणों को ढक कर 24 घंटे के लिए अलग अलग पड़ा रहने दें। 24 घंटे बाद दोनों मिश्रणों को एक अलग बर्तन में कपड़े में से निचोड़ लें। बीज अमृत तैयार है।

प्रयोग:
1. बीज अमृत को गेहूं के बीजों के ऊपर छिड़कते हुए दोनों हाथों से हल्का हल्का मलते रहें।
2. इसके बाद बीजों को दो घंटों तक छाँव में सुखा कर बिजाई कर दें।
3. जिस पानी में धान के बीजों को अंकुरित होने के लिए रखा जाता है, उस पानी में बीज अमृत डाल दें।
4. अंकुरित होने के बाद नर्सरी में लगा दें।
5. दालों एवं कोमल स्वभाव वाले बीजों के लिए बीज अमृत तैयार करते समय चूने का प्रयोग न करें।

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