सुरंगी खेती तकनीक (लोअ टन्नल टैक्नोलॉजी)

यह तकनीक प्लास्टिक टन्नल टैकनोलॉजी के नाम से भी जानी जाती है, जो छोटे स्तर पर ग्रीन हाउस/पॉली हाउस की तरह काम करती है। इसमें कार्बन डाईऑक्साइड की ज्यादा मात्रा जमा होती है, जिससे प्रकाश संशलेषण क्रिया को बढ़ाने में मदद मिलती है और परिणामस्वरूप अधिक पैदावार मिलती है।

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• इस तकनीक का प्रयोग मुख्य तौर पर अच्छी क्वालिटी की पैदावार के लिए किया जाता है। इसमें विशेष कर खीरे, तरबूज, करेले, लौकी, खरबूजे, टिंडे आदि या बे मौसमी सब्जियों की खेती अधिक मुनाफा लेने के लिए की जाती है।
• प्लास्टिक टन्नल में सब्जियां उगाने से इन्हें तेज़ वर्षा, कोहरे, बर्फ, अंधेरी और कम या अधिक तापमान से भी बचाया जा सकता है।
• बागबानी विभाग की तरफ से किसानों को 50 माइक्रोन्स प्लास्टिक शीट की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है।सब्सिडी के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आप KVK के खेतीबाड़ी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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