गाय और भैंसों की उम्र का पता उनके दांतों से ही लगाया जा सकता है या फिर सींगों पर पड़े हुए छालों से लगाया जाता है। पशुओं के दांत तीन तरह के होते हैं।
1. अगले दांत
2. जाड़
3. सूए
कटड़े /बछड़े के जन्म के समय निचले जबड़े पर अस्थाई दांत होते हैं, एक सप्ताह बाद यह चार हो जाते हैं और चार सप्ताह बाद इनकी गिणती आठ हो जाती है।
• ढाई वर्ष तक अगले पक्के दांत पूरी तरह से निकल आते हैं और पांच वर्ष की उम्र में अगले पक्के आठ दांत निकल आते हैं।
• पांच वर्ष की उम्र के बाद पशु की उम्र का अनुमान दांतों की घिसाई आदि से लगाया जाता है।
• सातवें वर्ष आधे आधे दांत घिस जाते हैं और दसवें वर्ष बाद सिर्फ जड़ें ही दिखाई देती हैं।
• तेरहवें और सोलहवें वर्ष तक सिर्फ दांतों के ना मात्र निशान ही दिखाई देते हैं।
• यदि पशुओं की उम्र सींगों पर पड़े हुए छालों से लगानी हो, तो उस अनुसार जब पशु की उम्र दो साल की होती है तो सींगों पर पहला छाला दिखाई देता है। फिर एक वर्ष बाद सींग पर एक और छाला पड़ जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि एक भैंस के सींग पर चार छालें दिखाई दें, उसकी उम्र तकरीबन पांच वर्ष की हो सकती है।
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