बदलते मौसमों की प्रकृति अनसुार जब गर्मी का मौसम दस्तक देता है तो फूलों के शौकीन गर्म ऋतु के फूलों के बारे में सोचने के बाद इससे संबंधित कार्य करने शुरू कर देते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि शरद ऋतु में होने वाले मौसमी फूलों की गिनती काफी ज्यादा है और अक्सर लोगों में गर्म ऋतु और बरसात ऋतु के फूलों के प्रति ध्यान और रूझान अक्सर कम देखने को मिलता है। गर्मी के दिनों में लोगों की बगीचियां फूलों से खाली नज़र आती हैं जिन्हें हम बहुरंगों में आसानी से भर सकते हैं। गर्म ऋतु के फूलों की गिनती बेशक कम ही है, परंतु फिर भी यह अपने हसीन रंग से हमारी बगीचियों को सजाने की क्षमता रखते हैं सबसे पहले तो हमें फूलों के शौकीन होने के नाते यह बात भली भांति जाननी चाहिए कि शरद, गर्म और बरसात ऋतु में होने वाले मौसमी फूल कौन कौन से हैं उनकी पनीरी कौन से महीने में लगानी चाहिए और उसे लगाने के ढंग/तरीके क्या हैं नहीं तो अक्सर लोगों को फूलों की याद तब आती है जब वे दूसरों के घरों की बगीचियों में खिल चुके फूलों को देखते हैं। कहने का भाव हमें सही समय पर बीज प्राप्ति करके अगली योजनाबंदी शुरू कर देनी चाहिए।
गर्म ऋतु के फूलों की पनीरी तैयार करने के लिए फरवरी महीने से शुरू करके हम मार्च महीने तक ले सकते हैं। मौसम स्थितियों के अनुसार अप्रैल के शुरूआती दिनों में बिजाई की जा सकती है। बिजाई करने से पहले क्यारियों या गमले आदि अच्छी तरह तैयार कर लेने चाहिए और उनमें मिट्टी, गोबर की खाद, पत्तों की खाद आदि का मिश्रण मिला देना चाहिए। पूर्ण रूप से तैयार बैड या क्यारियों पर बीज बिखेरने के उपरांत उन्हें ढकना नहीं भूलना चाहिए। पानी या किसी वजह से नंगे हुए बीजों को खादों वाले मिश्रण से ढक देना चाहिए। कोशिश करें कि हमेशा क्यारियों में नमी बनाने के लिए पहले दिनों में बैड पर अखबार भी बिछाया जा सकता है। अंदाज़न एक डेढ महीने में पनीरी तैयार हो जाती है, जिसे बाद में हम अनुकूल स्थानों पर क्यारियों या गमलों में लगा देते हैं।
क्यारियों की तैयारी दो सप्ताह पहले कर देनी चाहिए, जिसके तहत उन्हें गहरा खोदकर धूप लगवाने के उपरांत उसमें गली हुए रूड़ी की खाद या अन्य आवश्यक खादें, ज़मीन की ऊपर सतह में मिला देनी चाहिए। पौधे लगाने से पहले हल्का पानी देना चाहिए। ताकि पौधे जड़ जल्दी पकड़ लें। पनीरी हमेशा दोपहर के बाद लगानी चाहिए और पौधे लगाने के तुरंत बाद पानी देना चाहिए। गमले में फूल लगाने के लिए मिट्टी के तकरीबन दो हिस्से, एक हिस्सा रूड़ी की गली हुई खाद और हो सके, तो एक हिस्सा गली हुई पत्तों आदि की खाद डालनी चाहिए। गमलों में पानी के निकास वाले छेद को अच्छी तरह चैक कर लेना चाहिए।
गर्म ऋतु में होने वाले फूलों की बात करें तो कोलीयस, कोचिया, सूरजमुखी, जीनिया, पोरचुलोका (दोपहर खिली), गेलारडीया, गफरीना आदि मुख्य रूप में हैं। गर्म ऋतु के फूल जब बगीचियों में खिले होते हैं तो साथ ही बरसात ऋतु वाले फूलों की तैयारी शुरू हो जाती है। बरसात ऋतु वाले फूलों की बिजाई का समय जून महीने का पहला सप्ताह होता है और जुलाई महीने में पनीरी अनुकूल स्थानों पर लगाई जाती है। बरसात ऋतु में लगने वाले फूल भी गर्मी की ऋतु की तरह गिनती मे कम ही होते हैं, जिनमें मुख्य तौर पर बालगम, कुकड़ कलगी, गेलारडिया, अमरैंबस होते हैं। यदि आप किसी वजह के कारण बीज बोकर पनीरी नहीं तैयार कर सके, तो नर्सरियों से तैयार की गई पनीरी खरीदी जा सकती हैं। पनीरी या बीज हमेशा किसी अच्छी नर्सरी से खरीदनी चाहिए। बगीची में पूरे वर्ष फूलों की प्राप्ति के लिए योजनाबंदी की बहुत अहमियत होती है। सिर्फ मौसमी फूल लगाने की बात ही नहीं बल्कि पूरी बगीची को योजनाबंदी के अनुसार बनाना और संभालना चाहिए।
बलविंदर सिंह लक्खेवाली
सम्पर्क : 98142-39041
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