जिस गाभिन में तीन बार आस करवाने के बावजूद भी गर्भ नहीं ठहरता, वह रिपीटर करार दी जाती है। इस समस्या को अक्सर रिपीट ब्रीडर भी कहा जाता है। यह समस्या आजकल बहुत ज्यादा आ रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि बच्चेदानी में गांठ आदि। किसान भाई यह नहीं देखते कि आस करवाते समय ताप 22 दिन बाद है या समय से पहले है या बाद में। यदि 17-18वें दिन बोलती है तो बीमारी और है यदि 26-28वें दिन बोलती है तो बीमारी और है। क्या बीमारी मिली।
क्या वैटरनी डॉक्टर आया और टीका लगाकर चला गया, क्या उसने पूछा कि पिछले महीने कब ताप में आई थी। बहुत सारी ऐसी जानकारियां होती हैं जिनका किसान भाइयों को खुद रिकॉर्ड रखना चाहिए जैसे कि ताप में आने का समय, कितने दिन बाद ताप में आई आदि। बाकी आपको शायद पता ही हो कि तारें सिर्फ शीशे की तरह बनी होनी चाहिए। यदि तारें घुसमैली हों या तारों में छेद हो तो पशु को कभी नए दूध नहीं करवाना चाहिए। बल्कि एक अच्छे माहिर डॉक्टर से बच्चेदानी की जांच करवाके दवाई भरवा देनी चाहिए।
इसके अलावा गाभिनों के बार बार गर्भपात के कुछ अन्य कारण जैसे :
1. जनन अंगों में जमांदरू नुक्स
2. कम शारीरिक भार
3. शरीर में हारमोन का संतुलन बिगड़ जाना
4. गर्म वातावरण
5. आस करवाने का प्रबंध
6. ताप के लक्षणों और आस करवाने के सही समय की कम जानकारी
इलाज :
इस तरह की समस्या के इलाज के लिए कुछ इलाज आपसे शेयर कर रहे हैं जो कि पशु पलन क व्यवसाय में काफी महत्तवपूर्ण हैं।
1. पहली बात आप पशु को संतुलित डाइट ज़रूर दें। जब आप पशु को क्रॉस करवायें उससे 5 मिनट के अंदर अंदर 125 ग्राम रसौद जो कि पंसारी की दुकान या आयुर्वेदिक सामान वाली दुकान से मिल जाएगी उसे पशु को दें।
2. यदि तारें साफ आ रही हैं तो एक होमियोपैथिक दवाई को सीरिंज से सीधे मुंह के द्वारा पशु को दिन में तीन टाइम देते रहें।
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